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'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- दुर्योग, जिसका अर्थ है- बुरा अवसर, बुरी घड़ी। प्रस्तुत है रामस्वरूप 'सिन्दूर' की कविता- भोगी तन में, जोगी मन मेंभोगी तन में, जोगी मन में!
यह था तो दुर्योग,
हो गया पर सुयोग जीवन में !कंठ, कोहिनूरों की माला,
करतल, कस्तूरी मृगछाला,
सौ-सौ यत्न करूँ, पर जो हूँ
वह न दिखूँ दर्पण में !मैंने दृग-जल स्नान किया है,
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प्रति पल कोई पर्व जिया है,
घर-आँगन-जैसा ही रह लूँ
मैं अनन्त निर्जन में !
2 minutes ago
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